बाबा आमटे जी के बारे में जानकारी 2023 | Baba amte information in hindi

आज मैं आपको इस ब्लॉग में बाबा आमटे के बारे में बताने वाला हूं अर्थात आज का हमारा विषय है baba amte information in hindi| बाबा आमटे का नाम हम सभी ने सुना है लेकिन उनके जीवन शैली एवं कार्यों के बारे में संपूर्ण जानकारी ना होने की वजह से गूगल पर प्रतिदिन इस तरह के सर्च होते रहते हैं जैसे कि baba amte in hindi , baba amte story in hindi इसलिए मैं आज आपको उनके बारे में बताने वाला हूं|

तो चलिए शुरू करते हैं

बाबा आमटे जी के बारे में जानकारी | Baba amte information in hindi | baba amte story in hindi

baba amte information in hindi

बाबा आमटे का जन्म 26 दिसंबर 1914 में भारत देश के महाराष्ट्र राज्य में हुआ था इनके पिता का नाम देवीदास हर बाजी आमटे था तथा इनकी माता का नाम लक्ष्मीबाई आमटे था इनके पिता एक लेखपाल थे| जिस वजह से पिता के पास इतना पैसा था की बाबा आमटे का जीवन बहुत ही सुखमय तरीके से व्यतीत हुआ| हम आपको बता दें कि बाबा आमटे बचपन में सोने के पालने में सोते थे तथा चांदी के चम्मच से खाना खाया करते थे| उनके चार भाई बहन और थे

बाबा आमटे की प्रारंभिक शिक्षा नागपुर के ही स्कूल में हुआ था तथा उसके पश्चात उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से ही की पढ़ाई पूरी की अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने वकालत शुरू की और वह 1 दिन अपने गांव के दौरे गए तब बाबा आमटे को यह समझा कि भारतीय गांव बहुत ही बुरी हालत में है| बाबा आमटे वकालत की पढ़ाई पूरी तो किए थे लेकिन उन्होंने वकालत कर नहीं सके हम को आजाद कराने तथा कुष्ठ रोगियों की मदद और उनके सम्मानीय जीवन के लिए कार्य करने लगे|

उस समय हमारे भारत में शादी के लिए कई सारे संघर्ष रहे थे तभी बाबा आमटे ने अपने मित्र का साथ छोड़ कर गांधीजी के साथ उनके अहिंसा के मार्ग पर चलना शुरू किया और कई सारे किसानों के लिए उन्होंने आवाज उठाई और उनकी समस्याओं को पेश किया तथा उनके लिए लड़े तत्पश्चात उन्होंने जगह-जगह भूमि सुधार आंदोलन के लिए लोगों को इकट्ठा किए तथा आंदोलन शुरू किया| बाबा आमटे कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत जोड़ो आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया क्योंकि वह चाहते थे कि पूरा भारत एक हो उठे ताकि हमारे देश में आजादी की लिए लोग आगे आकर संघर्ष करें|

बाबा आमटे ने 1 दिन एक कोढ़ी को घमासान बारिश में भीगते हुए देखा इसकी मदद करने के लिए कोई भी व्यक्ति सामने नहीं आ रहा था तब यह बात बाबा आमटे को बहुत बुरा लगा उन्होंने यह सोचा कि यदि आज मैं उस जगह पर तो क्या होता यही सोच कर उन्होंने उस कोढ़ी को उठाया और अपने घर लेकर गए तत्पश्चात उन्होंने कुष्ठ रोग को जानने के लिए कई तरह से प्रयत्न किए|

वर्तमान समय में जो आनंदवन कुष्ठ रोगियों को सम्मानीय जीवन जीने की आशा प्रदान करने का केंद्र बना है वही पर बाबा आमटे तथा उनकी पत्नी साधना ताई तथा उनके दो पुत्र के साथ बाबा आमटे आनंदवन में रहा करते थे| वहां पर उनके साथ 7 और कुष्ठ रोगी रहा करते थे|

इस वजह से बाबा आमटे द्वारा उस आनंदवन मैं रहने तथा उनके कार्यों की महानता चारों तरफ फैली लगी वजह से उनका आनंदवन में नए नए रोगी आने लगे और उनका महामंत्र श्रम ही है श्रीराम हमारा चारों तरफ गूंजने लगा और इसीलिए जो व्यक्ति मांग कर अपना जीवन यापन किया करते थे वह इस स्थान पर अपना पसीना बहा कर कार्य करते हैं और फसल करते हैं जब आनंदवन की शुरुआत हुई थी तब ₹14 की थी वर्तमान समय में आनंदवन करोड़ों रुपए की हो चुकी है| बाबा आमटे कुष्ठ रोगियों के लिए कई सारे कार्य किए है तथा उन्होंने कुष्ठ रोगियों की शिवा भी करी है|

बाबा आमटे ने रचनाएं भी की है| ज्वाला आणि फुले यह उनकी महाकाव्य संग्रह रचना है तथा उज्जवल उद्या साथी यह इनकी काव्य रचना है|
बाबा आमटे को कई सारे पुरस्कार एवं दिए गए हैं एक समाज सुधारक स्वरूप कार्य किए हैं|

सम्मान और पुरस्कार

सन 1971 में उनको भारतीय सरकार की तरफ से पद्मश्री का सम्मान दिया गया
सन 1979 में उनको जमनालाल बजाज का सम्मान दिया गया
सन 1980 में उनको नागपुर विश्वविद्यालय से डि लीट उपाधि दी गई है
अमेरिका का डेमियन डट्टन का पुरस्कार सन 1983 में दिया गया
सन 1985 में उनको फिलीपींस की तरफ से पुरस्कार दिया गया
सन 1988 में उनको घनश्याम दास बिड़ला के सम्मान से सम्मानित किया गया
सन 1990 में उनको टेम्पलटन पुरस्कार दिया गया
सन 1991 में उनको ग्लोबल 500 संयुक्त राष्ट्र सम्मान से अमित किया गया
सन 1992 में उनको स्वीडन का राइट लाइव लीवुड के पुरस्कार से सम्मानित किया गया
सन 1999 में बाबा आमटे को गांधी शांति पुरस्कार दिया गया
सन 2004 में महाराष्ट्र के भूषण सम्मान से उनको सम्मानित किया गया|

बाबा आमटे पारिवारिक जीवन

बाबा आमटे की पत्नी का नाम साधना आमटे था जिनसे उनका विवाह सन 1946 में हुआ था| इन दंपत्तिको दो पुत्रों की प्राप्ति हुई जिनका नाम इन्होंने प्रकाश आमटे तथा विकास आमटे रखा| प्रकाश आमटे की पत्नी का नाम मंदाकिनी आमटे था |

निधन

बाबा आमटे का निधन 9 फरवरी सन 2008 में हुआ तब इनकी आयु 94 वर्ष की थी| सन 2007 में उनको ल्यूकेमिया की बीमारी हुई थी और 1 साल तक वह इस बीमारी से पीड़ित थे और उसके पश्चात उन्होंने अपना देह त्याग दिया| उनके निधन पर भारत के कई सम्मानीय और प्रसिद्ध लोग शोक व्यक्त करने आए थे उनके शरीर को दफनाया गया था उनका दाह संस्कार नहीं किया गया था|

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निष्कर्ष

दोस्तों अभी हमने आपको इस ब्लॉग में baba amte information in hindi के बारे में बताया यदि आपका कोई सवाल है तो आप हमसे कमेंट में पूछ सकते हैं हम के सवालों का जवाब अवश्य ही देंगे और यदि आप किसी अन्य विषय पर जानकारी चाहते हैं तब भी आप उसके लिए हमें कमेंट कर सकते हैं|

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