गुलमोहर पेड़ के बारे में जानकारी 2021 | Gulmohar Tree Information In Hindi

दोस्तों आज मैं आपको इस ब्लॉग में बताने वाला हूं गुलमोहर पेड़ के बारे में अर्थात आज का हमारा विषय है gulmohar tree information in hindi। gulmohar ka ped देखने में अत्यंत सुंदर लगता है और मैं आज वयस्क लोगों के साथ साथ gulmohar tree information for kids यह बताऊंगा। इस पेड़ के बारे में बहुत ही कम लोगों को पता है और कई लोग ऐसे भी होंगे जिन्होंने अभी तक इसका नाम भी नहीं सुना होगा इसलिए आज मैं आपको इसके बारे में जानकारी देने वाला हूं।

चलिए शुरू करते है।

गुलमोहर पेड़ के बारे में जानकारी | gulmohar tree information in hindi | gulmohar ka ped

गुलमोहर पेड़ के बारे में जानकारी 2021 | Gulmohar Tree Information In Hindi

गुलमोहर का पेड़ एक ऐसा पेड़ है जो विशालकाय होने के साथ-साथ फूल भी देता है अर्थात गुलमोहर का वृक्ष हमें फूल और छाया दोनों देता है इसका फुल लाल रंग का होता है।

यह सबसे पहले जिस भूमि पर देखा गया था अर्थात जिस स्थान पर स्थित पहली बार पाया गया था वह मेडागास्कर था। इसी स्थान पर उसको सबसे पहले देखा गया था इसीलिए इसको गुलमोहर की जन्मभूमि भी कही जाती है।

मेडागास्कर में पुर्तगालियों ने इसे सबसे पहले देखा था। लेकिन 18वीं शताब्दी में फ्रेंच किटीस के गवर्नर काउंटी डी प़ोएंशी गुलमोहर के नाम में बदलाव किया और उसका नाम अपने नाम से मिलता जुलता रख दिया वह नाम था पोइंशियाना। उसके कुछ दिन पश्चात ही गुलमोहर के फूल को सेंट किटीस व नेवीस का राष्ट्रीय फूल भी स्वीकार किया गया।

वृक्ष को लोग वहां पर दो नामों से जानते थे एक था रॉयल पोइंशियाना और दूसरा नाम था फ्लेम ट्री। गुलमोहर के वृक्ष को फ्रांस के द्वारा सबसे सुंदर नाम दिया गया जो वहां की भाषा में स्वर्ग का फूल कहा जाता था।

जब गर्मी का मौसम आता है तब गुलमोहर पेड़ से उसके सारे पत्ते झड़ जाते हैं बस कुछ पत्ते ही रह जाते हैं लेकिन उसी समय इस वृक्ष पर बहुत ज्यादा फूल आते हैं जो लाल रंग के होते हैं और इन्हें देखने में बहुत ही सुहाना लगता है। इस वृक्ष पर इतने ज्यादा फूल आ जाते हैं कि यदि आप उसे गिरने की कोशिश करेंगे तो आपके लिए बहुत ही मुश्किल हो जाएगा। दूर से देखने पर ऐसा लगता है कि यह वृक्ष पूरी तरह से लाल है।

हमारे भारत देश में गुलमोहर का वृक्ष सभी स्थानों पर पाया जा सकता है अर्थात यह हमारे भारत देश में गर्म एवं नमी दोनों ही स्थानों पर बहुत ही आसानी से उग जाते हैं और हमें इन स्थानों पर भी गुलमोहर के वृक्ष को देखने को मिल जाता है।

यह वृक्ष मकरंद का बहुत ही अच्छा स्रोत है जिस वजह से शहद की मधुमक्खियां इस वृक्ष के चारों तरफ मंडराती रहती है जब यह फूल खिल जाते हैं तब। इन मक्खियों को इस वृक्ष के फूलों से मकरंद तथा पराग दोनों ही बहुत ही आसानी से प्राप्त हो जाते हैं इसलिए यह मक्खियां इस वृक्ष के चारों तरफ हमेशा मंडराती है।

गुलमोहर के वृक्षों के फूलों का परागीकरण प्रायः पक्षियों द्वारा ही होता है। यदि गुलमोहर का वृक्ष सुखी कठोर भूमि पर भी है तो उसका जब पहला फूल उस वृक्ष की शाखा में निकलता है उसके 1 सप्ताह के अंदर बाकी के सभी फूल निकल आते हैं और वृक्ष पूरी तरह से फूलों से ढक जाता है। जो फूल उस वृक्ष से निकलते हैं वह लाल रंग के होने के साथ-साथ नारंगी एवं पीले रंग के भी होते हैं।

हमारे भारतवर्ष के इतिहास में गुलमोहर के वृक्ष का इतिहास लगभग 200 वर्ष पुराना है और हमारे संस्कृत में गुलमोहर के वृक्ष का नाम राज आभरण है इसका हिंदी का अर्थ होता है राजसी आभूषणों से सजा हुआ वृक्ष।

हमारे भारतवर्ष में हमारे भगवान श्री कृष्ण जी की प्रतिमा के मुकुट की सजावट गुलमोहर के वृक्षों के फूलों से ही होती है। इसे राज आभरण फूल से सिंगार करना भी कहते हैं।

श्री कृष्ण की प्रतिमा के मुकुट की सजावट इस वृक्ष के फूलों द्वारा होती है इसलिए इस वृक्ष को संस्कृत में कृष्ण चूड भी कहा जाता है।

गुलमोहर का वृक्ष हमारे भारत देश के अलावा भी कई अन्य देशों में पाए जाते हैं। युगांडा, नाइजीरिया, श्री लंका, मेक्सिको, आस्ट्रेलिया तथा अमेरिका में फ्लोरिडा व ब्राजील यह वह देश है जहां गुलमोहर का वृक्ष बहुत ही प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

इस वृक्ष को यूरोप में भी देखा गया है। गुलमोहर के वृक्ष की जन्मभूमि मेडागास्कर है लेकिन अब यह वृक्ष उसी स्थान पर विलुप्त होने के कगार पर है इसलिए अब इस वृक्ष की प्रजाति को वहां पर संरक्षित वृक्षों में शामिल कर लिया गया है ताकि इस वृक्ष की प्रजाति को बचाया जा सके।

इस वृक्ष पर फूल वसंत ऋतु से लेकर गर्मी ऋतु तक रहते हैं अर्थात अप्रैल से जून तक इस वृक्ष पर फूल लगे रहते हैं जो दिखने में बहुत ही सुंदर लगते हैं और इससे हमारी आंखों को बहुत ही अधिक ठंडक प्राप्त होती है।

उसके बाद गुलमोहर वृक्ष से फूलों की संख्या कम होने लगते है लेकिन यह नवंबर माह तक चलते हैं पर हम नवंबर माह तक गुलमोहर के वृक्ष पर फूल देख सकते हैं। यह कारण है कि हमारे भारत देश में गुलमोहर के वृक्ष को बगीचे खेलकूद के अस्थान एवं सड़क के किनारे भी लगाया जाता है ताकि लोग इसे देखकर अपने मन को शांत कर सके।

यह वृक्ष अलग अलग देशों में अलग-अलग माह में खिलता है क्योंकि हर देश की जलवायु अलग होती है इसलिए यह वृक्ष प्रत्येक देश में अलग-अलग माह में खिलता है। दक्षिणी फ्लोरिडा इस देश में गुलमोहर का वृक्ष जून के माह में खिलता है। कैरेबियन देशों में यह वृक्ष मई से सितंबर के माह में खिलता है इसी तरह हमारे भारत देश में भी यह अप्रैल से जून माह में खिलता है और ऑस्ट्रेलिया में इस वृक्ष के खेलने का समय दिसंबर से फरवरी का है। इसी तरह अन्य देशों में यह वृक्ष अलग-अलग माह में अपने फूल को खिलाता है।

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निष्कर्ष

दोस्तों मैंने आपको इस ब्लॉग में बताया gulmohar tree information in hindi। अगर आपको यह विषय पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी साझा करें और यदि आप चाहते हैं कि हम इसी तरह gulmohar tree information in hindi अन्य विषय पर भी आपको जानकारी दे तो आप उसके लिए भी हमें कमेंट कर सकते हैं हम आपको इस विषय पर आवश्यक जानकारी देंगे।

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