दोस्तो आज मैं आप को बताने वाला हु बैडमिंटन के बारे में अर्थात आज का हमारा विषय है information about badminton in hindi। बैडमिंटन के बारे में जानना के लोगों को अच्छा लगता है लेकिन उसके बारे में पूरी जानकारी लोगों को नहीं पता है इसीलिए मैं आज आपको इस विषय history of badminton in hindi के बारे में जानकारी देने का पूर्ण कोशिश करूंगा।
तो चलिए शुरू कर लेते हैं आज का हमारा विषय information of badminton in hindi
बैडमिंटन के बारे में जानकारी | information about badminton in hindi

यह एक ऐसा खेल है जिसे लोग अपने खाली समय में खेलना पसंद करते है। यह खेल हमारे भारत में बहुत ही अधिक प्रचलित है। इस खेल को खेलने के लिए हमारे पास एक चिड़िया होती है जो प्लास्टिक की बनी हुई होती है उसको एक रैकेट से दूसरे रैकेट तक मारते हैं और नीचे गिरने से बचाते हैं जिस खिलाड़ी के तरफ वह गिर जाती है उसके विपक्षी खिलाड़ी को एक अंक प्राप्त हो जाते हैं। इस खेल को खेलने के लिए एक दल में 2 खिलाड़ी होते हैं उन दोनों के हाथ में एक एक रैकेट होता है। इस खेल में 2 खिलाड़ी होते हैं। यह खेल महिला एवं पुरुष दोनों खेल सकते हैं इसी वजह से आज यह खेल कई वर्षों से ओलंपिक में खेला जा रहा है और इस खेल को खेलने के लिए एक दो या मिश्रित लोग रहते हैं।
बैडमिंटन का इतिहास | badminton history in hindi
इस खेल की शुरुआत 19वीं सदी में ब्रिटिश द्वारा की गई थी जिसमें वह एक तरफ बैट और दूसरी तरफ कॉक को मारते थे। यह खेल पुणे शहर में बहुत ज्यादा प्रचलित हो गया था। इस खेल को प्राचीन काल में पुनाई नाम से जाना जाता था। खेल से पहले ब्रिटिश शासकों द्वारा एक शटलकॉक नमक खेल खेला जाता था जिसमें वह सभी ऊन के बने गोलों का इस्तेमाल करते थे। यह खेल सिर्फ ब्रिटिश अफसर खेलते थे क्योंकि यह सामान्य लोगों को खेलने के लिए उपलब्ध नहीं था।
बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन इसकी नींव सन् 1934 मैं हुई थी। उसी दौरान इस खेल के कई प्रकार के नियम भी प्रतिबंध कराए गए जिसके तहत सभी खिलाड़ियों को खेल खेलने की आवश्यकता है कोई भी खिलाड़ी उस नियम का उल्लंघन नहीं कर सकता। इस फेडरेशन के मुख्य सदस्य जो देश थे उनका नाम आयरलैंड, फ्रांस, न्यूजीलैंड, स्कॉटलैंड है यही प्रमुख देश थे। लेकिन इसके 2 वर्ष पश्चात अर्थात 1936 में ब्रिटिश भारत में बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन का सदस्य बन गया।
खेलने का तरीका
इस खेल को खेलने का तरीका बहुत ही ज्यादा सिंपल और आसान है इस खेल में मुख्यता एक या दो 2 प्लेयर प्रत्येक दल में होते हैं। उन सभी के हाथों में एक रैकेट होता है जो 4:00 से बना हुआ रहता है और उस तार का तनाव 18 -36 lbf होता है
इस खेल को खेलने के लिए एक प्लेयर बैडमिंटन कोर्ट के एक कॉर्नर से शटलकॉक को मरता है और विपक्षी दल के खिलाड़ी उसे अपने पाले में गिराने से बचाते है इसके लिए वो उस शटलकॉक को अपने विपक्षी दल के पाले में भेज देते है।
अगर वो शटलकॉक आप के पाले में गिर गाया तो आप के विपक्षी दल को एक अंक प्राप्त हो जाएगा। दोनो दलों के बीच एक जाल लगा होता है जिसे पार कर के खिलाड़ी अपने विपक्षी दल में शटलकॉक को भेजते है और अंक प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।
खेलने के उपकरण
इस खेल को खेलने के लिए की आवश्यकता नहीं होती इस खेल में बस जितने प्लेयर मौजूद होते हैं उतने रैकेट होते हैं और एक शटलकॉक होता है। रैकेट में मौजूद तार की वजह से ही हम शटलकॉक को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेज पाते हैं अर्थात इस खेल को खेलने के लिए तार का भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान होता है।
रैकेट
रैकेट एक ऐसा उपकरण है जो बहुत महत्वपूर्ण योगदान निभाता है बैडमिंटन के खेल में जितने भी खिलाड़ी दल में मौजूद होते हैं उन सभी के पास एक एक रैकेट होता है जिसकी मदद से वह शटलकॉक को एक स्थान से दूसरे स्थान पर मारते हैं और अपने पाले में उसे गिरने से बचाते हैं और उनकी पूरी कोशिश होती है कि वह उनके विपक्षी दल में गिरे ताकि इनको अंक प्राप्त हो।
इसको बनाने के लिए तार और लोहे का इस्तेमाल किया जाता है लोहे का सांचा बनाया जाता है और उसमें तार के साथ बुनाई की जाती है तब जाकर रैकेट तैयार होता है यह तार लोहे का नहीं बल्कि प्लास्टिक का होता है जो 18-36 एलबीएफ तक खींचा हुआ रहता है।
शटलकॉक
यह कॉक होता है जो रैकेट द्वारा मारा जाता है खिलाड़ी इसी को मारकर अपने विपक्षी दल के पाले में गिराते हैं और अंक प्राप्त करते हैं यह भी बहुत महत्वपूर्ण उपकरण है बैडमिंटन के खेल में यद्यपि यह टूट जाता है तो इसे तुरंत बदल कर नया लाया जाता है क्योंकि इसकी वजह से पूरा खेल बर्बाद हो सकता है।
यह भी दो तरह के होते हैं एक जो पंख का बना हुआ रहता है और दूसरा जो प्लास्टिक के घागरे जैसा दिखता है जितने भी खिलाड़ी होती हैं उन सभी को पंख का बना हुआ कॉक बहुत ज्यादा पसंद आता है क्योंकि यह बहुत ही आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर मूव हो जाता है।
जो प्लास्टिक के घागरे जैसा कॉक दिखता है बहुत ही ज्यादा इस्तेमाल नहीं किया जाता लेकिन बच्चे करते हैं जो अपने घर पर बैडमिंटन खेल खेलते हैं।
जूते
इस खेल को खेलने के लिए जूतों का बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि जब हम एक स्थान से दूसरे स्थान पर भागते हैं कॉक को मारने के लिए तब यदि हमारे जूतों में पकड़ नहीं होगी तो हम गिर जाएंगे और कॉक को नहीं मार पाएंगे और अपने पाले में ही गिरा लेंगे। इसीलिए अच्छी क्वालिटी का जूता इस्तेमाल किया जाता है बैडमिंटन के खेल में।
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निष्कर्ष
दोस्त अभी हमने आपको इस ब्लॉग में जानकारी दी, information about badminton in hindi। यद्यपि आपका कोई सवाल है तो आपने बेझिझक पूछ सकते हैं और यदि आपको यह विषय information about badminton in hindi पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करें और इसी तरह के अन्य विषय के लिए भी आप हमें कमेंट कर सकते हैं हम उस विषय पर जरूर ही आपको जानकारी देंगे।