दशहरा के बारे में जानकारी 2021 | Information About Dussehra In Hindi

दोस्तो आज का हमारा विषय है दशहरा के बारे में अर्थात आज मैं आप को information about dussehra in hindi इस विषय पर जानकारी दूंगा। about dussehra in hindi इस विषय पर जानकारी देने का मेरा एक ही मक्सद है को सभी को इसके बारे में पता होना चाहिए। यह त्यौहार हमारे देश के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है इसलिए आज का यही विषय है about dasara in hindi।

तो चलो शुरू करते है dasara information in hindi

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दशहरा के बारे में जानकारी 2021 | Information About Dussehra In Hindi

दशहरा हम सभी हिंदू धर्म के लोगों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण और विजय का दिवस है इस दिन को हम सभी हिंदू धर्म के लोग बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं हिंदू धर्म के जात के लिए यह एक बहुत बड़ी निशानी है कि बुराई पर अच्छाई की जीत हर बार होती है क्योंकि इसी दिन प्रभु श्री रामचंद्र ने दशानन रावण का वध किया था और मां दुर्गा ने 10 रात और 9 दिनों में महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी इसलिए दशहरा का यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम से हिंदू समाज के लोगों द्वारा मनाया जाता है।

दशहरे का यह त्यौहार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दसवीं तारीख को पड़ता है। दशहरा यानी कि दसवां दिन इसी दिन बुराई पर अच्छाई की विजय हुई थी और हिंदू धर्म के लोग इस दिन रावण का दहन करते हैं।

दशहरा के दिन एक रावण का बड़ा सा पुतला बनाया जाता है और कुछ लड़के जो प्रभु श्री रामचंद्र का किरदार निभाते हैं वह सब प्रभु श्री रामचंद्र की तरह तीर और धनुष की मदद से उस पुतले को जलाते हैं और जश्न मनाते हैं उस पुतले में बहुत सारे बम और पटाखे रखे हुए रहते हैं जो जलते समय फूटते हैं और लोग दशहरा का त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं।

दशहरे के दिन ही शस्त्र पूजा भी लोगों द्वारा संपन्न की जाती है क्योंकि इसी दिन बुराई पर अच्छाई की विजय हुई थी और बहुत सारे लोगों द्वारा इस दिन नए कार्य आरंभ किए जाते हैं जैसे खेत में अनाज बोने का लिखने का एवं अन्य कार्य भी शुरू किया जाता है क्योंकि हमारे देश में हिंदू धर्म के लोगों का ऐसा मानना है कि दशहरे के दिन जितने भी कार्य आरंभ किए जाते हैं वह सभी कार्य कभी भी असफल नहीं होते उन पर हमेशा विजय की प्राप्ति होती है इसलिए प्राचीन काल में रहने वाले हिंदू धर्म के राजा भी दशहरे के दिन ही पूजा करके रण यात्रा आरंभ किया करते थे।

दशहरा के दिन जगह-जगह पर रामलीला का आयोजन भी होता है हम ऐसा भी कह सकते हैं कि हिंदू धर्म के लोग जहां पर भी रहते हैं वह सभी रामलीला का आयोजन करते हैं क्योंकि बिना रामलीला के आयोजन के दशहरे का त्यौहार मनाया नहीं करते क्योंकि रामलीला खेलने के बाद ही रावण के विशाल पुतले को जलाया जाता है और यह सिर्फ प्रभु श्री रामचंद्र ने रावण को मारा था इसीलिए नहीं बल्कि मां दुर्गा ने महिषासुर पर भी विजय प्राप्त की थी इसलिए इस दिन दोनों ही रूपों में शक्ति पूजा का आयोजन किया जाता है।

अलग-अलग राज्यों के दशहरे

हमारे देश में अलग-अलग तरह से दशहरे को मनाया जाता है क्योंकि हमारा देश कई राज्यों और शहरों से मिलकर बना है इसलिए प्रत्येक राज्य एवं शहर अपने अनुसार दशहरे का त्यौहार मनाते हैं।

हिमाचल प्रदेश में दशहरे का त्यौहार कुल्लू का दशहरा के रूप में बहुत ज्यादा प्रसिद्ध है वहां के लोग इस दिन सुंदर कपड़े पहन कर और अपने साथ जितने भी वाद्य हैं जैसे ढोल बांसुरी इत्यादि वादे को लेकर निकलते हैं और वहां के पहाड़ी लोग अपने भगवान का जुलूस निकालते हैं और गाते बजाते पूरे शहर में भ्रमण करते हैं और वह अपने भगवान को बहुत ही अच्छी तरह से सजाए हुए रहते हैं जो देखने में बहुत ही ज्यादा आकर्षित लगता है।

पंजाब राज्य में दशहरे का त्यौहार नवरात्रि के 9 दिन उपवास रखने के पश्चात ही मनाया जाता है वहां के निवासी दशहरे के दिन रावण दहन का भी आयोजन करते हैं जगह जगह पर मेले लगते हैं और लोग उन मेलो का और रावण दहन का भरपूर आनंद लेते हैं। पंजाब के लोग इस दिन विभिन्न प्रकार की मिठाईयां लोगों में बांटते हैं और इस दिन का जश्न मनाते हैं।

बंगाल उड़ीसा और असम में दशहरे के त्यौहार को दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है यहां पर लोग मां दुर्गा की मूर्ति स्थापना करते हैं और उस मूर्ति को बनाने के लिए बाहर से मूर्तिकार आते हैं जो अच्छे अच्छे डिजाइन बनाकर तैयार करते हैं बंगाल में यह त्यौहार 5 दिनों तक मनाया जाता है एवं उड़ीसा और असम में यह 4 दिनों तक चलता है। सभी लोग इन 5 एवं 4 दिनों में बहुत ही जश्न के साथ दुर्गा पूजा का आयोजन करते हैं पंडाल बैठते हैं और जगराते भी किए जाते हैं।

तमिलनाडु आंध्र प्रदेश और कर्नाटक इन राज्यों में दुर्गा पूजा काहे आयोजन किया जाता है जो 9 दिनों तक चलता है अर्थात यहां पर दशहरे को मनाने का एक जरिया है लोग यहां पर 9 दिन तक मां लक्ष्मी मां सरस्वती और मां दुर्गा की पूजा करते हैं। शुरुआत के पहले 3 दिनों में महालक्ष्मी की पूजा की जाती है उसके बाद 3 दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है जो कला और विद्या की देवी मानी गई है हमारे भारत देश में और बाकी के 3 दिन मां दुर्गा की पूजा की जाती है।

गुजरात में मिट्टी के घड़े को देवी का प्रतीक माना गया है इसीलिए उसको रंग के अर्थात उसको रंगीन करके कुंवारी लड़कियां अपने सर पर घड़े को रख कर कृत्य करती हैं। गुजरात में गरबा नृत्य बहुत ही ज्यादा प्रचलित है इसलिए यहां पर गरबा खेला जाता है इन दिनों में।

महाराष्ट्र में भी दशहरे का आयोजन किया जाता है कई स्थानों पर रावण दहन भी होता है एवं महाराष्ट्र में 9 दिन दुर्गा पूजा का आयोजन किया जाता है और वहां पर भी लोग गरबा खेलते हैं इन 9 दिनों में और दसवे दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है।

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निष्कर्ष

दोस्तों अभी हमने आपको इस ब्लॉग में बताया information about dussehra in hindi। यदि आपको यह विषय पसंद आया हो और आप इसी तरह के information about dussehra in hindi अन्य विषय के लिए भी पोस्ट चाहते हैं तो आप उसके बारे में हमें बता सकते हैं हम अवश्य उस विषय पर आपको जानकारी देंगे।

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