नीम के पेड़ के बारे में जानकारी 2021 | Information About Neem Tree In Hindi

दोस्तो अभी मैं आप को इस ब्लॉग में बताऊंगा नीम के पेड़ के बारे में अर्थात आज का हमारा विषय है information about neem tree in hindi। इस पेड़ के बारे में पता होना सभी के लिए जरूरी है इसलिए neem plant information in hindi इस विषय के बारे आप को पूरी जानकारी दूंगा।

तो चलिए शुरू करते है information about neem in hindi

नीम के पेड़ के बारे में जानकारी | information about neem tree in hindi | information about neem in hindi

नीम के पेड़ के बारे में जानकारी 2021 | Information About Neem Tree In Hindi

नीम का वृक्ष भारत देश में प्रत्येक घरों में पाया जाता है क्योंकि हमारे देश में नीम के वृक्ष के बहुत तरह के उपयोग में आता है हर भारतवासी नीम के वृक्ष को अलग अलग तरह से अपने प्रतिदिन के जीवन शैली में उपयोग करता है। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग नीम का दातुन करते हैं अर्थात जहां शहरों में रहने वाले लोग ब्रश और टूथपेस्ट का इस्तेमाल करते हैं अपने दांत को साफ करने के लिए वही गांव के लोग नीम के दातुन का इस्तेमाल करते हैं अपने दांत को साफ करने के लिए।

यदि गांव में किसी को फोड़ा फुंसी हो जाए तो उसको भी ठीक करने के लिए अर्थात उसकी इलाज के लिए नीम के पत्तों को पीसकर उस पर लगाया जाता है इसीलिए हमारे भारत देश में प्रत्येक घरों के सामने नीम का वृक्ष पाया जाता है।

नीम का वृक्ष हमें बहुत ज्यादा ऑक्सीजन की मात्रा प्रदान करता है दिनभर इस वृक्ष से हमेशा ऑक्सीजन ही निकलती है लेकिन रात के समय वृक्ष का झाड़ कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ने लगता है लेकिन इससे किसी भी प्राणी को नुकसान नहीं होता क्योंकि यह बहुत ही अधिक मात्रा में नहीं छोड़ते हैं।

नीम बहुत ही जल्दी बड़े हो जाते हैं यह कुछ ही समय में लगभग 35 से 40 मीटर तक की भी लंबे वृक्ष बन जाते हैं लेकिन इनकी सामान्य ऊंचाई हमारे भारत देश में 15 से 20 मीटर की होती है।

इनके छाल बहुत ही कठोर होती है और इस वृक्ष का रंग लाल भूरे रंग का होता है। नीम के वृक्ष में नीम के फल भी लगते हैं जिन्हें हम निबौली कहते हैं । निबौली का स्वाद बहुत ही ज्यादा कड़वा होता है लेकिन हमारे भारत देश में कई स्थानों पर इन निबौलियो को सुखा कर इन को पीसकर तेल निकाला जाता है जो घर के दीए जलाने के काम आते थे। ऐसा प्राचीन समय में होता था लेकिन वर्तमान समय में ऐसा सिर्फ कई गिने-चुने स्थानों पर ही होता है।

जब यह निबौली कच्ची होती है तब इसका रंग हरा होता है और जब यह पक जाते हैं तब इन कारण पीले कलर का हो जाता है। नीम के पत्ते हरे रंग के होते हैं जिनका हमारे देश में कई तरह से उपयोग किया जाता है यदि कहीं पर हमें चोट लग जाए और वह जल्दी ना ठीक हो तो इसके पत्ते को पीसकर लेप लगाया जाता है जिससे बहुत ही कम समय में वह चोट ठीक हो जाती है।

नीम के फूल सफेद रंग के पाए जाते हैं और इसमें थोड़ा सौगंध भी होता है अर्थात यह सुगंधित भी होते हैं लेकिन इन फूलों से बहुत अधिक सुगंध नहीं आती।

व्यवसायिक रूप में नीम के वृक्ष का कुछ भी उपयोग नहीं है अर्थात हमें इससे किसी भी तरह का लाभ नहीं प्राप्त हो सकता लेकिन मक्का में आने जाने वाले सभी तीर्थ यात्रियों के लिए लगभग 50000 नीम के वृक्ष लगाए गए हैं ताकि गर्मी में वहां पर रुक कर वह नीम की शीतल हवा का आनंद उठा सकें।

एक बहुत ही जहरीले वृक्ष जिसका नाम चीनी बेरी है नीम का वृक्ष लगभग उसी के जैसा दिखता है कहने का अर्थ है कि नीम के वृक्ष चीनी बेरी के वृक्ष के समान दिखाई देते हैं।

नीम के वृक्ष का उपयोग

हमारे भारत देश में नीम का वृक्ष का बहुत सारा उपयोग है जिनमें से मैं कुछ आपको ऊपर बता दिया था अब मैं आपको यहां पर विस्तार से बताता हूं कि हमारे भारत देश में क्या क्या उपयोग होते हैं नीम के वृक्ष के लगाने के।

  1. नीम का वृक्ष लगाने से हमें गर्मी के मौसम में शीतल और ठंडी हवाएं प्राप्त होती हैं।
  2. नीम के वृक्ष में जो शाखाएं छोटी होती है अर्थात जो नए उगे रहते हैं उनका दातुन बनाकर दातुन करने से हमारे मसूड़े और दांत दोनों स्वस्थ रहते हैं।
  3. नीम का छाल चर्म रोग के लिए बहुत ही कारगर साबित होता है यदि आपको चर्म रोग की बीमारी है तो आप नीम के छाल का लेप लगाएं इससे चर्म रोग बहुत जल्दी ठीक हो जाता है।
  4. नीम के पत्ते का रस डालने से अगर आप की आंख आई है तो उसके लिए बहुत ही कारगर साबित होता है।
  5. नीम के पत्ते का रस और उसमें शहद की बूंदे अर्थात 2:1 के अनुपात में यदि आप पीते हैं तो इससे आपकी पीलिया की बीमारी में बहुत ही फायदा होगा और यदि आप इसी चीज को अपने कान में डालते हैं तो कान में सभी तरह की बीमारियां दूर हो जाएंगे।
  6. नीम के तेल को यदि 5 से 10 बूंद के बीच में दूध में मिलाकर पीने से यदि पर आपको अधिक पसीना आता है तो उसके लिए बहुत ही फायदेमंद होता है और जलन जैसी समस्या से भी आपको राहत मिलती है।
  7. नीम की पत्तियों को चबाने से हमारे रक्त में किसी भी तरह की समस्याएं दूर होती हैं अर्थात खून में किसी भी तरह समस्या हो तो नीम की पत्तियों का चबाने से वो दूर हो जाती है।
  8. नीम के बीजों का चूर्ण अर्थात निंबोली को पीसकर चूर्ण बना ले और उसे गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से बवासीर जैसी समस्या में भी बहुत राहत मिलती है।
  9. नीम की निंबोली और पत्तों का तेल निकालकर शरीर पर मालिश करने से शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है और ऐसे करने से हमारा शरीर मजबूत भी हो जाता है।

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निष्कर्ष

दोस्तों हमने आपको इस ब्लॉग में बताया information about neem tree in hindi। यदि आपको यह विषय पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी साझा करें और यदि आप इसी तरह के information about neem tree in hindi अन्य विषय पर भी जानकारी चाहते हैं तो आप उसके लिए भी हमें कमेंट कर सकते हैं हम उस विषय पर आपको अवश्य ही जानकारी देंगे

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