Quick Info→
- Education: Bachelor Of Commerce
- Age: 24 Years
- Caste: Gaur Brahmin
दोस्तों आज हम आपको इस ब्लॉग में जया किशोरी के बारे में जानकारी देंगे अर्थात आज का हमारा विषय है jaya kishori biography in hindi। जया किशोरी का नाम अभी तक बहुत सारे लोगों ने नहीं सुना होगा एवं कई सारे लोगों को उनके बारे में कुछ जानकारी होगी लेकिन संपूर्ण जानकारी ना होने की वजह से गूगल पर प्रतिदिन इस तरह के सर्च होते रहते हैं जैसे कि jaya kishori ji biography in Hindi इसलिए आज मैं आप को उनके बारे में जानकारी दूंगा। तो चलिए शुरू करते हैं।

Full Name | Jaya kishori |
Profession | Musical Artist, Spiritual Orator |
Famous For | Her motivational talks and Bhajans |
Date of Birth | 13 July 1995 (Thursday) |
Age (as of 2023) | 28 Years |
Cast | Gaur Brahmin |
Religion | Hinduism |
Height (approx.) | in feet & inches– |
Birthplace | Kolkata, West Bengal |
Hometown | Kolkata, West Bengal |
Nationality | Indian |
Parents | Father– Shiv Shankar Sharma Mother– Sonia Sharma |
School | • Shri Shikshayatan College, Kolkata • Mahadevi Birla World Academy, Kolkata |
Address | Balaji Ganges Complex 105 D Bidhan Nagar Road, Near Ultadanga Bidhan Nagar Railway Station, Kolkata – 700067 |

जया किशोरी जी के बारे में जानकारी ( Jaya kishori biography in hindi )
जया किशोरी का नाम जया शर्मा है इनका जन्म 13 जुलाई 1995 में हमारे भारत देश के राजस्थान राज्य के सुजानगढ़ गांव में हुआ था इनका परिवार एक ब्राम्हण परिवार था जिस वजह से बचपन में ही इनके घरों में पूजा-पाठ अत्यधिक हुआ करते थे उनके पिता का नाम शिव शंकर शर्मा तथा इनकी माता का नाम सोनिया शर्मा है जया को एक बहन भी थी जिसका नाम चेतना शर्मा था।
Read also – Sarojini naidu biography in hindi
जया किशोरी की प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता में महादेवी बिरला वर्ल्ड अकैडमी में हुआ था तत्पश्चात उन्होंने कोलकाता से ही अपनी बीकॉम की पढ़ाई पूरी की। लेकिन 6 वर्ष की आयु से ही जया किशोरी को भगवान विष्णु एवं कृष्ण के प्रति बहुत अधिक लगाव हो गया था जिस वजह से वह अपना सब कुछ उन्हें मानने लगी थी जया किशोरी जब नव वर्ष की हुई तब उन्होंने संस्कृत में लिंगाष्टकम, शिव तांडव स्तोत्रम्, रामाष्टकम्, मधुराष्टकम्, श्रीरूद्राष्टकम्, शिवपंचाक्षर स्तोत्रम्, दारिद्रय दहन शिव स्तोत्रम् जैसे अन्य कई स्तोत्र को गाया जिस वजह से लोगों में इनके प्रसिद्धि बहुत ही तीव्रता से बढ़ गई और लोग इनके द्वारा गाए गए इन स्तोत्र को बेहद पसंद की।
जया किशोरी जब 10 वर्ष की हुई तब उन्होंने सुंदरकांड जो हर व्यक्ति के लिए बहुत फलदाई होता है उसे गाकर लोगों के दिलों में और व्यक्ति की जगह बना ली और इनकी प्रसिद्धि उसी समय से बढ़ने लगी और वर्तमान में अभी तक इनकी प्रसिद्धि कम नहीं हुई उनको चाहने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है लोग इनकी एक झलक के लिए बहुत बेताब होते हैं।
जया जी का विवाह अभी तक नहीं हुआ है और उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था की अभी उनकी विवाह में और भी अधिक समय है लेकिन वह यह नहीं चाहती कि विवाह की वजह से उनके कथा में कोई भी वादा आए तथा उन्होंने यह भी कहा कि यह दिन में विवाह करती हूं तो कोलकाता में ही करूंगी ताकि मैं अपने घर पर कभी भी आकर खाना खा सकूं और यदि मैं यहां से कहीं बाहर जाकर रहती हूं तो मेरे माता-पिता को भी वही आ कर रहना होगा ताकि मैं अपने घर पर कभी भी आकर खाना खा सकूं।
उन्होंने यह भी कहा है कि वह कोई साधु सन्यासी महिला नहीं है बल्कि वह एक सामान्य महिला है। जया शर्मा के गुरु पद्म श्री गोविंद राम जी मिश्र ने जब देखा कि जया किशोरी भगवान श्री कृष्ण के प्रति अत्यधिक प्रेम करती है तब उन्होंने इनको किशोरी जी की उपाधि दी तभी से जया शर्मा जया किशोरी जी के नाम से जाने जाने लगी।
जया शर्मा की किए जाने वाले कथाओं में आने वाले चंदे को वह उदयपुर के एक संस्था को दे देती है जो विकलांग एवं गरीब बच्चों की मदद करती है जया किशोरी जी अपने जीवन को बहुत ही शादी और सिंपल तरीके से जीना पसंद करती हैं वह उनका ऐसा मानना है कि वर्तमान समय में जितने भी तकनीकी एवं टेक्नोलॉजी है वह सभी की वजह से बच्चे मोबाइल एवं लैपटॉप तक ही रह जाते हैं जिस वजह से उनके अंदर कई तरह के संस्कारों का अभाव रहता है।
वह यह भी कहती हैं कि वर्तमान समय के जितने भी युवा हैं वह सभी बुजुर्गों एवं अपने माता-पिता का सम्मान नहीं करते और साधु सन्यासियों की तो वह अपने माता-पिता से भी अधिक अनादर करते हैं तथा समाज में बनाए गए सभी मर्यादाओं को तोड़ते हैं जिस वजह से हमारी संस्कृति एवं संस्कार हमसे कहीं दूर जाती नजर आ रही है और आने वाले समय में हमारे देश से हमारी संस्कृति तथा हमारा संस्कार पूरी तरह से ही खत्म हो जाएगा।
जया किशोरी जी इतनी सादगी से अपनी जिंदगी व्यतीत कर रही है कि जिस उम्र में लड़कियां घूमना फिरना एवं श्रृंगार को बेहद पसंद करती हैं उस उम्र में जया शर्मा जी भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन रहती हैं और उनका ऐसा मानना है कि भगवान की भक्ति ही उनको उनके जीवन की सही दिशा में लेकर जाएगा।
Jaya kishori द्वारा गाए गए भजन
जया किशोरी जी ने इतनी कम उम्र में इतने अधिक भजन गाकर दर्शकों का एवं उनके चाहने वालों के दिलों में अपनी जगह बना ली है इनके द्वारा गाए जाने वाले सभी भजन लोगों को बेहद पसंद आते हैं जिस वजह से इनकी कथाओं को सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं हमारे भारत देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी इनकी चर्चा की जाती है।
- राधिका गौरि से
- अच्युतम केस्वाम कृष्ण दामोदरम
- गाड़ी में बिठा ले रे बाबा
- सबसे ऊँची प्रेम सगाई
- मेरा आपकी कृपा से सब काम हो रहा है
- कृष्ण गोविन्द गोविन्द गोपाल नंदलाल
- जगत के रंग क्या देखू
- इतनी खात्री करवावे ईगो काई लगे
- हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे रामा हरे रमा
- लिंगाष्टकम मृत्युंजय जाप
- आज हरी आये विदुर घर
- माँ बाप को मत भूलना
यह सभी इनके बहुत ही प्रसिद्ध भजन है जो लोगों को बहुत पसंद आए।
उनके द्वारा कहे गए कुछ अनमोल वचन
जया किशोरी जी ने कहा है कि जीतने वाला ही नहीं बल्कि कहां पर हारना है यह जानने वाला व्यक्ति भी महान होता है
उन्होंने कहा कि लोग यह अधिक सोचते हैं कि यह क्या सोचेंगे वह क्या सोचेंगे दुनिया क्या सोचेगी इसी से ऊपर उठकर यदि आप कुछ सोचते हैं तो आपकी जिंदगी में अधिक सुकून होगा।
इसी तरह के और भी महान वचन जया किशोरी जी द्वारा बोले गए हैं।
निष्कर्ष
दोस्तों अभी हमने आपको इस ब्लॉग में jaya kishori biography in hindi। के बारे में बताया यदि आप को उनके बारे में जानकर अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी साझा करें और यदि आपका कोई सवाल है तो आप हमसे कमेंट में पूछ सकते हैं।