नेल्सन मंडेला के बारे में जानकारी 2021 | Nelson mandela biography in hindi

दोस्तो आज मैं आपको इस ब्लॉग में बताने वाला हु नेल्सन मंडेला के बारे में अर्थात आज का हमारा विषय है nelson mandela biography in hindi। नेल्सन के बारे में बहुत कम लोगो को पता है जिस वजह से गूगल पर प्रतिदिन इस तरह के सर्च होते रहते है जैसे की biography of nelson mandela in hindi , nelson mandela biography in hindi pdf download इसलिए मैं आपको आज उनके बारे में बताऊंगा

चलिए शुरू करते हैं।

नेल्सन मंडेला के बारे में जानकारी | Nelson mandela biography in hindi | biography of nelson mandela in hindi

Nelson mandela biography in hindi

नेल्सन मंडेला का जन्म 18 जुलाई 1918 में दक्षिण अफ्रीका में हुआ था उनकी माता का नाम नोसकेनी था तथा उनके पिता का नाम हेनरी म्वेजो था। इनके तेरा भाई बहन थे और नेल्सन अपने माता पिता के तीसरी संतान थे नेल्सन के पिता कस्बे के जनजातीय सरदार थे। इनका नाम मंडेला इसलिए पड़ा क्योंकि वहां के स्थानीय भाषा में सरदार के पुत्र को मंडेला कहा जाता है जिस वजह से इनको नेलसन मंडेला के नाम से जाना जाने लगा।

मंडेला के प्रारंभिक शिक्षा क्लार्क बेरी मिशनरी स्कूल में पूर्ण हुई। उसके पश्चात मंडेला ने अपने स्कूल की शिक्षा मेथाडिस्ट मिशनरी स्कूल से प्राप्त करें और मंडेला की आयु 12 वर्ष की थी तब उनके पिता की मृत्यु हो गई।

मंडेला सन 1941 में जोहनसबर्ग गए वहां पर उन्होंने वाल्टर शिशु लू और वाल्टर अल्बर्टाइन से मिला उन दोनों के राजनीतिक रूप से मंडेला बहुत ज्यादा प्रभावित हुए। मंडल अपना जीवन यापन करने के लिए एक कानूनी फर्म में क्लर्क की नौकरी किया करते थे परंतु उन दोनों से मिलने के पश्चात का उनकी सक्रियता राजनीति की तरह धीरे-धीरे बढ़ने लगी। मंडेला ने अफ्रीका में हो रहे रंग के आधार पर भेदभाव को दूर करने के लिए राजनीतिक कदम उठाया और वह सन 1944 में अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस में शामिल हुए जिसने रंगभेद के विरुद्ध आंदोलन आरंभ किया था।

सन 1944 में ही नेलसन मंडेला ने अपने मित्रों तथा अपने सहयोगी योग के साथ मिलकर अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस यूथ लीग को स्थापित किया और सन 1947 में वे उसी लीग के सचिव चुने गए। उसके पश्चात सन 1961 में मंडेला तथा उनके मित्रों के ऊपर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया परंतु वह सभी निर्दोष पाए गए।

5 अगस्त 1962 में नेल्सन मंडेला को मजदूरों को हड़ताल के लिए उकसाने तथा बिना अनुमति देश छोड़ने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और उनके ऊपर मुकदमा चलाया गया था 12 जुलाई 1964 में उनको उम्र कैद की सजा सुना दी गई और इस सजा को पूरी करने के लिए उनको रामदेव के जेल में भेजा गया लेकिन इसके पश्चात भी उनका उत्साह कम नहीं हो रहा था।

उन्होंने उस जेल में अपने जीवन का 27 वर्ष गुजारा था उसके पश्चात उनको 11 फरवरी 1990 में रिहाई दी गई। उस रिहाई के बाद उन्होंने समझौते और शांति की नीति द्वारा लोकतांत्रिक एवं बहुत जातीय अफ्रीका की स्थापना करें।

और उनके इस प्रयास की वजह से सन 1994 में अफ्रीका में रंगभेद रहे चुनाव हुए और उस चुनाव में अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस ने 62% मत प्राप्त किए और बहुमत से उनकी सरकार बन गई। नेल्सन मंडेला 10 मई 1994 मैं अपने देश के सर्वप्रथम अश्वेत राष्ट्रपति बने। नेल्सन मंडेला के राष्ट्रपति राष्ट्रपति बनने के बाद सन 1996 में संसद की तरफ से दक्षिण अफ्रीका के नए संविधान के लिए सहमति मिली इस संविधान में राजनीतिक और प्रशासनिक अधिकारियों को जांच के लिए कई तरह की संस्थाएं स्थापित की गई थी। सन 1997 में नेल्सन मंडेला ने राजनीति से खुद को अलग कर लिया था तो 2 वर्ष पश्चात अर्थात 1999 में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के पद से भी इस्तीफा दे दिया।

नेल्सन मंडेला का विवाह अक्टूबर 1944 में इवलिन मेस नाम की लड़की से हुआ वाह वाल्टर शिशुलू की बहन थी। नेल्सन मंडेला का तीन विवाह हुआ था उन्होंने सन 1961 में अपने दूसरे शादी करी उनकी दूसरी पत्नी का नाम नोमजामो विनी मेडीकिजाला था। सन 1998 में वह अपने 80 वे जन्मदिन पर तीसरा विवाह किया उनकी तीसरी पत्नी का नाम ग्रेस में कल था इन तीनों पत्नियों से उनको 6 संताने प्राप्त हुई उनके परिवार में 17 पोता पोती थे।

नेल्सन मंडेला को कई सारे पुरस्कार भी दिए गए हैं। सन 1993 में उनको फ़्रेडरिक विलेम डी क्लार्क के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्त हुआ।
नेल्सन मंडेला को प्रेसिडेंट मेडल ऑफ फ्रीडम ऑर्डर ऑफ लेनिन भारत रत्न निशाने पाकिस्तान तथा गांधी शांति पुरस्कार उनको 23 जुलाई 2008 में दिया गया।

नेल्सन मंडेला को 5 दिसंबर 1913 को फेफड़ों में संक्रमण होने के कारण जोहानेसबर्ग में स्थित उनके घर पर मृत्यु हो गई मृत्यु के दौरान उनकी आयु 95 वर्ष की थी ।

 

उनके विचार

  • नेल्सन मंडेला का मानना था कि शिक्षा ही एक ऐसा हथियार है जो पूरी दुनिया को बदल सकता है।
  • हमारे देश के लोग पहले जल जाते हैं और फिर राष्ट्रपति बनते हैं ऐसा उनका मानना था।
  • नेल्सन मंडेला जातिवाद से बहुत नफरत करते थे चाहे वह श्वेत व्यक्ति से आए अश्वेत व्यक्ति से।
  • नेल्सन मंडेला कहते थे कि अगर आप किसी व्यक्ति से बात करते समय उस भाषा का प्रयोग करते हैं जिससे वह समझता है तो आप सिर्फ अपनी बात को उसके दिमाग में डाल सकते हैं लेकिन अगर आप अपनी भाषा में उससे बात करेंगे तो आपकी बात उसके दिल में उतरेगी।
  • वह कहते थे कि लोग जो चाहते हैं उनको इसलिए नहीं मिलता क्योंकि उनके पास ना तो प्रतिभा है ना शक्ति ना ही धीरज और ना ही प्रतिबद्धतता।
  • उनका मानना था कि यदि आप जिस तरह का जीवन व्यतीत कर सकते हैं उससे नीचे का जीवन व्यतीत करना गलत है क्योंकि छोटा काम और छोटी सोच के लोगों के साथ रहना बिल्कुल भी फायदेमंद नहीं होता।
  • उन्होंने कहा था कि मैंने यही सीखा है कि साहस डर का अभाव नहीं बल्कि उस पर विजय की थी वह कहते थे कि वह व्यक्ति बहादुर नहीं होता जो डर को सिर्फ महसूस करें बल्कि वह व्यक्ति बहादुर होता है जो डर से लड़कर जीत ले।
  • वे कहते थे कि कोई भी ऐसी चीज नहीं है जो स्वतंत्रता दिलाने में हिस्सेदार ना बन सके।

 

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निष्कर्ष

दोस्तों अभी हमने आपको इस ब्लॉग में बताया nelson mandela biography in hindi। अगर आपको यह पसंद आया हो तो आप इसे दोस्तों के साथ ही साझा करें और यदि आपका कोई सवाल है तो आप हमसे कमेंट में पूछ सकते हैं।

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