दोस्तों आज मैं आपको बताने वाला हूं पीपल के पेड़ के बारे में अर्थात आज का हमारा विषय है peepal tree information in hindi। हमारे धरती पर पीपल वृक्ष बहुत ही महत्वपूर्ण है इसलिए आज मैं आप सभी को information about peepal tree in hindi इस विषय की जानकारी दूंगा। यह वृक्ष बहुत ही विशालकाय और घना होता है जिस वजह से इसके चारों तरफ छाया रहती है इसलिए इस वृक्ष के कई सारे उपयोग हैं जिनको मैं आज एक-एक करके आपको बताऊंगा।
तो चलिए शुरू कर लेते हैं information on peepal tree in hindi
पीपल पेड़ के बारे में जानकारी | peepal tree information in hindi | information about peepal tree in hindi

पीपल का वृक्ष बरगद एवं गूलर की प्रजाति का ही है जिस वजह से यह बहुत ही विशालकाय होता है। हमारे भारतीय संस्कृति में पीपल के वृक्ष को एक ऊंचा स्थान दिया गया है एवं कई स्थानों पर या फिर ऐसा भी कहा जा सकता है कि पूरे भारतवर्ष में पीपल के वृक्ष पर पूजा भी किया जाता है।
पीपल के वृक्ष को गुह्यपुष्पक वृक्ष भी कहा जाता है क्योंकि जिस तरह बरगद और गूलर के फूल गुप्त रहते हैं उसी तरह पीपल के वृक्ष में भी फूल गुप्त तरीके से रहते हैं अर्थात हम उसके फूल को देख नहीं सकते।
पीपल के वृक्ष का फल मूंगफली दाने से भी छोटा होता है और इस फल के अंदर बहुत सारे बीज होते हैं अर्थात इसके फल बीजों से भरे हुए रहते हैं। यह वृक्ष दीर्घायु होते हैं अर्थात बहुत लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं।
पीपल के वृक्ष के फल के अंदर जो बीज होते हैं उनका आकार सरसों के दाने से भी छोटा होता है लेकिन उनसे उत्पन्न वृक्ष बहुत ही विशालकाय रहते हैं और कई वर्षों तक हमारे पृथ्वी पर खड़े रहते हैं।
इस वृक्ष की शाखाएं बहुत मोटी होती हैं और इससे उत्पन्न अच्छा या बहुत अधिक होती है लेकिन बरगद के वृक्ष से अधिक इसकी छाया नहीं होती लेकिन इसके पत्ते बहुत ही कोमल और चंचल होते हैं इसलिए वह सारा दिन और रात हमेशा हिलते हुए रहते हैं।
कल के वृक्ष से हमेशा ऑक्सीजन गैस बाहर निकलती है वह कार्बन डाइऑक्साइड कभी भी हमारे धरती पर नहीं छोड़ता है जिस वजह से पीपल का वृक्ष हमारे धरती के लिए बहुत महत्वपूर्ण है यदि हम पीपल के वृक्ष हमारे धरती पर अधिक कर ले तो हमारे देश में ऑक्सीजन की कमी पूरी तरह से दूर हो जाएगी क्योंकि यह वृक्ष भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन गैस छोड़ते हैं।
पीपल का वृक्ष का सबसे ज्यादा उपयोग जानवरों को चारा खिलाने के काम आता है बहुत सारे जानवरों को पीपल के वृक्ष का पत्ता खिलाया जाता है लेकिन सबसे ज्यादा हाथियों के लिए यह उपयोगी है यह हाथियों के लिए बहुत ही उत्तम चारा माना जाता है इसलिए पीपल के वृक्ष की पत्तियों को हाथी पालने वाले सभी लोग खिलाते हैं।
पीपल के वृक्ष की शाखाएं इतनी मोटी होती हैं जिससे हम सभी भारत वासियों को कई तरह के कार्य आसान हो जाते हैं जैसे गांव में इंधन का भी काम करती है पीपल के वृक्ष की शाखाएं। सोने के लिए चारपाई बनाने के काम भी आता है पीपल के वृक्ष की शाखाएं।
पीपल के वृक्ष को देवताओं का वृक्ष भी कहा जाता है क्योंकि पीपल के वृक्ष में सभी देवी देवता विराजमान रहते हैं इसलिए स्कंद पुराण में यह वर्णित है की मूल में विष्णु, तने में केशव, शाखाओं में नारायण, पत्तों में श्रीहरि और फलों में सभी देवताओं के साथ अच्युत सदैव उपस्थित रहते हैं।
हमारे प्रभु श्री कृष्ण जी ने स्वयं कहा था कि सभी वृक्षों में मैं पीपल का वृक्ष हूं। हिंदू धर्म के सभी शास्त्रों में वर्णित है कि यदि वृक्ष की सही तरीके से पूजा अर्चना की जाए तो उस में विराजमान सभी देवी देवता पूजित होते हैं।
हमारे देश में ऐसी भी मान्यता है कि जो लोग पीपल के वृक्ष को लगाते हैं उनका वंश कभी भी नष्ट नहीं होता। हमारे देश की सबसे प्रसिद्ध ग्रन्थ व्रतराज में अश्वत्थोपासना में पीपल के वृक्ष की महिमा वर्णित की गई है।
हमारे देश के कई आयुर्वेद में पीपल के वृक्ष के कई सारे फायदे बताए गए हैं यदि आपको सर दर्द एवं घाव है तो आप पीपल के वृक्ष का छाल का उपयोग कर सकते हैं पीपल का वृक्ष का उपयोग निखार पाने के लिए भी किया जाता है और इसके छाल से खून भी साफ हो जाता है इसलिए पीपल का वृक्ष हमारे आयुर्वेद में बहुत ही उपयोगी माना गया है।
पीपल के वृक्ष के निकले हुए ताजे पत्तों को कूटकर उस का रस निकालकर यदि आप कानों में डालते हैं तो उससे आपके कान से निकलने वाला खून बंद हो जाएगा।
पीपल के वृक्ष की आयु लगभग 3000 वर्ष तक होती है और इसकी लंबाई लगभग 30 मीटर तक हो सकती है इसीलिए यह बहुत ही विशाल का वृक्ष माना गया है।
गर्मी के मौसम में पीपल के वृक्ष के नीचे बहुत ही शीतलता मिलती है यदि आपको अधिक गर्मी लग रही है तो आप पीपल के वृक्ष के नीचे जाकर शीतल हवाओं का आनंद उठा सकते हैं क्योंकि वृक्ष से हमेशा ठंडी हवाएं हैं बाहर निकलती है।
पीपल के वृक्ष के नीचे कभी भी आपको हवा बंद नहीं मिलेगी अर्थात आप जब भी पीपल के वृक्ष के नीचे जाएंगे तो आपको हमेशा वहां पर हवा लगेगा ही।
कई स्थानों पर पीपल के वृक्ष को बहुत ही सम्मान के साथ देखरेख किया जाता है और उनकी पूजा भी की जाती है। हमारे देश में कई सांस्कृतिक के लोग रहते हैं इसलिए उन सभी के जीवन में पीपल के वृक्ष का अलग-अलग उपयोग है।
पत्तों का आकार लगभग 16 सेंटीमीटर 18 सेंटीमीटर तक हो सकता है और पीपल के पत्ते का आकार दिल के आकार जैसा होता है अर्थात आप जब पीपल के पत्तों को देखेंगे तो वह दिल के आकार का आपको दिखेगा। पीपल के वृक्ष में लगभग 40 करोड़ देवता वास करते हैं इसलिए पीपल के वृक्ष की पूजा हर स्थान पर की जाती है।
Read Also – Bamboo Tree Information In Hindi
निष्कर्ष
दोस्तों हमने आपको इस ब्लॉग में लिखकर बताया peepal tree information in hindi। यदि आपको यह विषय पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी साझा करें और इसी तरह के peepal tree information in hindi अन्य विषय पर जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमें कमेंट कर सकते हैं।