पी टी उषा के बारे में जानकारी 2021 | PT Usha Information In Hindi

दोस्तों आज हमारा विषय है पीटी उषा के बारे में जानकारी अर्थात आज हम आपको बताएंगे pt usha information in hindi। यह हमारे देश की एक बहुत ही महान एथलीट थी इसलिए इनके बारे में जानना सभी के लिए एक सौभाग्य की बात होगी। इसलिए मैं आज आपको pt usha biography in hindi इस विषय पर संपूर्ण जानकारी दूंगा।

तो चलिए शुरू करते हैं information about pt usha in hindi

पी टी उषा के बारे में जानकारी | pt usha information in hindi | pt usha biography in hindi

पी टी उषा के बारे में जानकारी 2021 | PT Usha Information In Hindi

पीटी उषा के बारे में वर्तमान समय में बहुत सारे लोगों को जानकारी है क्योंकि यह एक ऐसी महिला थी जो पूरे विश्व में अपना नाम बनाएं हमारे भारत में यदि सबसे तेज दौड़ने वाले किसी इंसान की बात होती है तो उसमें पीटी उषा का नाम अवश्य ही जाता है क्योंकि वह एक महान एथलीट थी। उन्होंने भारत के नाम कई सारे पुरस्कार कराई अर्थात हुआ कई तरह के पुरस्कार भारत में जीत कर लाई थी जिस वजह से हमारे भारत का नाम और भी ऊंचा हो गया था। इनके बारे में बहुत सारे लोगों को पता है और कई ऐसे बच्चे भी हैं जिनको इनका नाम पता है और इनके बारे में थोड़ी बहुत जानकारी है।

पीटी उषा का बचपन और परिवार

पीटी उषा का जन्म कोज्हिकोड़े, जिले के पय्योली के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम ईपीएम पैतल और उनकी माता का नाम टीवी लक्ष्मी था। पीटी उषा का जन्म किस दिन हुआ वह तारीख था 27 जून 1964। पीटी उषा का पूर्ण नाम पिलावुलकंडी थेक्केपारंबिल उषा था। उनके पिता एक कपड़े के व्यापारी थे जबकि उनकी माता घरेलू कार्य करती थी।

उनके पति का नाम वी श्रीनिवासन था और उनके पुत्र का नाम उज्जवल था। जब पीटी उषा छोटी थी तब उनको अपने स्वास्थ्य को लेकर कई तरह की समस्याएं का सामना करना पड़ता था अर्थात उनका स्वास्थ्य बचपन में बिल्कुल भी सही नहीं रहता था लेकिन फिर पीटी उषा जैसे स्पोर्ट एक्टिविटीज करने लगी वैसे-वैसे उनके स्वास्थ्य में सुधार आने लगा और वह एक स्वस्थ शरीर की महिला बन चुकी थी।

पीटी उषा बचपन से ही खेलकूद में बहुत रूचि रखती थी उनको खेलने का शौक बहुत था जब वह सातवीं कक्षा में अपने स्कूल में पढ़ाई करती थी तब उनके अध्यापक के कहने पर उन्होंने अपने कक्षा के चैंपियन छात्र के साथ एक रेस प्रतियोगिता लगाई थी तब वह उस प्रतियोगिता में विजई हुई थी तब से उनका और भी रोज बढ़ गया खेलकूद और दौड़ने में।

केरला सरकार ने सन 1976 में महिलाओं के लिए एक स्पोर्ट सेंटर की शुरुआत की थी। पीटी उषा स्पोर्ट सेंटर में अपने जिले का प्रतिनिधित्व करने का विचार किया था और वह जब 12 वर्ष की थी तब उन्होंने नेशनल स्पोर्ट स्पर्धा में चैंपियनशिप जीता था।

पीटी उषा खेल करियर

जब पीटी उषा 16 वर्ष की थी तब वह कराची में हुए सन 1980 में एक पाकिस्तान ओपन नेशनल मीट में हिस्सा लिया और उस समय उन्होंने 4 गोल्ड मेडल हमारे भारत के नाम कराया और हमारे भारत का सर गर्व से ऊंचा कराया।

फिर जब पीटी ऊषा 18 वर्ष की थी अर्थात सन 1982 में उन्होंने वर्ल्ड जूनियर इनविटेशन मीट में हिस्सा लिया और उसमें उन्होंने हमारे भारत के नाम एक गोल्ड मेडल और एक सिल्वर मेडल कराया।

इतना ही नहीं वह इसी वर्ष अर्थात 1982 में ही दिल्ली एशियन गेम्स में 100 मीटर और 200 मीटर रेस में हिस्सा लिया और उसमें उन्होंने 2 सिल्वर मेडल हमारे भारतवर्ष के नाम कराया जिससे हम सभी का सर गर्व से ऊंचा हो गया।

जैसे-जैसे पीटी ऊषा इन सभी पुरस्कारों को जीतती जा रही थी वैसे वैसे उनका खेल में अनुभव और भी निखरता जा रहा था। तब वह सन 1983 में कुवैत में एशियन ट्रैक एंड फील्ड चैम्पिनशिप में हिस्सा लिया और 400 मीटर दौड़ प्रतियोगिता जीती और उसमें वह गोल्ड मेडल प्राप्त की और सभी के लिए इंस्प्रिशन बन जाए।

पीटी ऊषा सम्मान और पुरस्कार

पीटी उषा को कई तरह के सम्मान और पुरस्कार मिले थे मैं आपको उसमें से कुछ पुरस्कार और सम्मान ओं के बारे में आपको अवगत कराता हूं।

सन 1984 में पीटी उषा को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सन 1984 में पीटी ऊषा को महानतम धाविका का पुरस्कार मिला जो जकार्ता एशियन दौड़ स्पर्धा की थी। पीटी उषा को पद्मश्री का पुरस्कार भी मिला था वह सन 1984 था। 1984, 1985, 1986, 1987 एवं 1989 में उनको एशिया की सर्वश्रेष्ठ महिला धाविका का पुरस्कार मिला था। 1985 और 1986 इस साल में उनको सर्वश्रेष्ठ धाविका का विश्व ट्रॉफी भी प्राप्त हुआ था। पीटी उषा को दौड़ना पसंद था

पीटी उषा के चाचा उस स्कूल के अध्यापक थे इसलिए उनको अपने माता पिता को दौड़ खेल स्पर्धा के लिए मनाने मैं अधिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा वह अपने माता-पिता को बहुत ही आसानी से मना लिए या ऐसा भी कह सकते हैं कि राजी कर लिए।

पीटी उषा को बचपन से ही दौड़ने का शौक है इस वजह से हुआ कई स्पर्धाओं में हिस्सा लेती थी और उस पर्दा को जीतने का पूरा हौसला रखी थी जब वह बचपन में थी तब उनका स्वास्थ्य उतना सही नहीं रहता था जिस वजह से उनको कहीं तरह की समस्याएं होती थी लेकिन जैसे-जैसे हुआ बढ़ती गई वैसे उनका स्वास्थ्य सही होने लगा और वह जब सातवीं कक्षा में पढ़ती थी तब उन्होंने अपने कक्षा के चैंपियन छात्र के साथ स्पर्धा किया और उस स्पर्धा को वह जीत भी गए। तब से खेलकूद में उनको और भी रुचि होने लगा।

उनके परिवार वाले भी उनको खेल के लिए प्रोत्साहित करते थे और साथ में उनका हौसला भी बढ़ाते थे जब वह खेल का ट्रेनिंग करती थी अर्थात जब उसका प्रैक्टिस करती थी तब वह अपने घरवालों से बहुत प्रोत्साहित होती थी।

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निष्कर्ष

दोस्तों की मैंने आपको इस ब्लॉग में लिखकर बताया pt usha information in hindi। अगर आपको इस जानकारी के रिलेटेड किसी भी तरह का सवाल है तो आप हमसे बेझिझक पूछ सकते हैं और यद्यपि आप चाहते हैं कि हम इसी तरह के pt usha information in hindi अन्य विषय पर भी आपको जानकारी दे तो आप उसके लिए हमें कमेंट कर सकते हैं हम आपके द्वारा बताए गए विषय पर अवश्य ही आपको जानकारी देंगे। और यह जानकारी जानकर आपको कैसा लगा इसके बारे में भी हमें अवश्य बताएं।

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