सरोजिनी नायडू जी के बारे में जानकारी, राजनीति, मृत्यु,( Sarojini naidu Biography in Hindi ) Age, Career, Information 2023

दोस्तों आज मैं आपको इस ब्लॉग में सरोजनी नायडू के बारे में बताऊंगा अर्थात आज का हमारा विषय है सरोजिनी नायडू जी के बारे में जानकारी। सरोजिनी नायडू का नाम हम सभी ने सुना है लेकिन उनके जीवन शैली एवं कार्यों के बारे में संपूर्ण जानकारी ना होने की वजह से गूगल पर प्रतिदिन इस तरह के सर्च होते रहते इसलिए मैं आपको आज उनके बारे में बताऊंगा। तो चलिए शुरू करते हैं।
सरोजिनी नायडू जी के बारे में जानकारी
Born as | Sarojini Chattopadhyay |
Famously called | The Nightingale of India or Bharat Kokila |
Birth date | 13 February 1879 |
Place of Birth | Hyderabad, Hyderabad State, British India |
Died | 2 March 1949 (aged 70) |
Place of Death | Lucknow, United Provinces, Dominion of India |
Parents | Father: Aghorenath Chattopadhyay Mother: Varada Sundari Devi |
Spouse(s) | Govindarajulu Naidu |
Political Affiliation | Indian National Congress |

सरोजिनी नायडू जी के बारे में जानकारी(Sarojini naidu biography in hindi)
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 में हमारे भारत देश के हैदराबाद शहर में हुआ था सरोजिनी नायडू के पिता का नाम अघोरनाथ चट्टोपाध्याय तथा इनकी माता का नाम बर्दा सुंदरी देवी था। जिस परिवार में जन्मे थे वह एक बंगाली परिवार था इनके पिता अघोरनाथ जी एक डॉक्टर एवं वैज्ञानिक थे और इसके साथ वे इंडियन नेशनल कांग्रेस हैदराबाद के सदस्य भी बने थे।
इसके पश्चात उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और वह हमारे देश को आजाद करने के लिए अंग्रेजों से भरना शुरू कर दिया तथा इनकी माता एक लेखिका थी जो बांग्ला भाषा में कविताएं लिखती थी। Sarojini Naidu के अन्य 8 भाई-बहन थे जिसमें से सरोजनी नायडू सबसे बड़ी थी। सरोजिनी नायडू के एक भाई क्रांतिकारी थे तथा एक एक भाई एक्टर थे।
बचपन से ही सरोजिनी नायडू एक होशियार विद्यार्थी थे जिसमें उनको उर्दू तमिल इंग्लिश बंगाली जैसी भाषाओं का भी ज्ञान था सरोजनी नायडू 12 वर्ष मैट्रिक के परीक्षा टॉप रैंक से पास करने का खिताब अपने नाम किया।
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सरोजिनी नायडू के पिता यह चाहते थे कि उनकी बेटी एक वैज्ञानिक गणित की पढ़ाई करी लेकिन सरोजिनी नायडू को पहले से ही कविता लिखने में रुचि थी जिस वजह से उन्होंने अपने गणित की पुस्तक मैं 13 सौ लाइन की एक कविता लिखी जिसे देख उनके पिता काफी आश्चर्यचकित रह गए
लेकिन उनको खुशी भी बहुत थी जिस वजह से उन्होंने उनकी इस कविता को कई सारे लोगों को दिखाया और हैदराबाद के नवाब ने भी उनके द्वारा लिखी गई कविता को देखा तत्पश्चात उनके पिता ने उनको अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए लंदन के किंग्स कॉलेज में उनका दाखिला करवाया वहीं पर उन्होंने अपना आगे की पढ़ाई पूरी की तत्पश्चात उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के गिरतो कॉलेज में अपनी पढ़ाई की।
सरोजिनी नायडू अपने इसी कॉलेज की पढ़ाई के दौरान डॉक्टर गोविंद राजुलु नायडू से मिली और कॉलेज खत्म होने तक यह दोनों एक दूसरे के बेहद करीब आ चुके थे जिस वजह से यह अपनी पढ़ाई पूरी करने के पश्चात ही अपनी पसंद से सन 1897 में दूसरी जाति में शादी कर ली। और हम आपको बता दें कि उस समय अन्य जाति में शादी करना एक बहुत बड़ा गुनाह स्वरूप देखा जाता था
उनकी ऐसा कि समाज में किसी भी व्यक्ति को मंजूर नहीं थी तत्पश्चात भी उन्होंने समाज की चिंता नहीं की और शादी कर ली एवं उनके पिता ने भी उनकी शादी को मान लिया जिसके बाद उनको चार संताने प्राप्त हुई। जिनका नाम उन्होंने जयसुर्य पद्मजा नायडू रणधीर और लीलामणि रखी।
Sarojini naidu राजनीतिक जीवन
Sarojini Naidu शादी कर ली थी तत्पश्चात भी उन्होंने अपना कार्य बंद नहीं किया बहुत सारी सुंदर सुंदर कविताएं लिखी जिसे लोग गाते थे और उनकी पहली कविता सन उन्नीस सौ पांच में बुलबुले हिंद प्रकाशित हुई तब से लोग उनको अधिक पहचानने लगे और इसके पश्चात ही उनकी कई सारी कविताएं प्रकाशित हुई और इसे पढ़ने वाले लोग उनकी कविता को बेहद पसंद करते थे जिसमें पंडित जवाहरलाल नेहरु रविंद्र नाथ टैगोर जैसे लोग भी शामिल थे
सरोजिनी नायडू इन इंग्लिश में भी कविताएं लिखी हैं। इन सभी के दौरान सरोजिनी नायडू गोपाल कृष्ण गोखले से मिली जिस वजह से उनके अंदर एक क्रांतिकारी पन आया। उसके पश्चात उन्होंने कई सारे छोटे गांव में जाकर लोगों को आजादी के लिए प्रोत्साहित किया एवं उसके पश्चात तो वह 1916 में महात्मा गांधी से मिली जिस वजह से हुआ बहुत प्रभावित हुई और भारत देश को आजाद कराने के लिए पूरे जी-जान से जुट गई।
इसके बाद वह पूरे भारत देश में घूम कर लोगों को प्रोत्साहित करती थी जैसे एक सेनापति अपनी सेना का उत्साह बढ़ाता है उसी तरह हुआ है लोगों के बीच उनके हौसले को बुलंद करती थी ताकि अधिक से अधिक लोग देश की आजादी के लिए आगे आए वह जहां भी लोगों को प्रोत्साहित करने जाती थी वहां के लोग आजादी में साथ देने के लिए अवश्य थे थे।
सरोजिनी नायडू सन 1925 में कानपुर शहर से इंडियन नेशनल कांग्रेस की अध्यक्ष स्वरूप खड़ी हुई और वह उस चुनाव को जीत गई जिस वजह से यह पहली महिला अध्यक्ष भी बनी। सरोजिनी नायडू जब संयुक्त राज्य अमेरिका से सन 1928 में वापस आए तब उन्होंने महात्मा गांधी की अहिंसा वादी बातों को माना और उनकी इस बात को उन्होंने लोगों के बीच में पहुंचाया महात्मा गांधी जी द्वारा चलाए गए नमक सत्याग्रह में भी सरोजिनी नायडू ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और जब सन 1930 में महात्मा गांधी को इस सत्याग्रह के लिए गिरफ्तार किया गया तब सरोजनी नायडू उनकी जगह पर कारोबार संभाली।
महात्मा गांधी द्वारा सन 1942 में जब भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया गया था तब सरोजनी नायडू उनमें एक मुख्य भूमिका निभाई जिस वजह से उनको महात्मा गांधी के साथ 21 महीने तक जेल में बंद कर दिया गया।
Sarojini naidu की मृत्यु
सन 1947 में जब हमारा देश आजाद हुआ तब सरोजनी नायडू को उत्तर प्रदेश का गवर्नर बनाया गया जिस वजह से सरोजनी नायडू पहली महिला गवर्नर बनी। सरोजिनी नायडू जब अपने ऑफिस में काम कर रही थी तब उन को दिल का दौरा पड़ा और वह तारीख थी 2 मार्च 1949 और उस दिल के दौरे की वजह से उनकी मृत्यु हो गई। सरोजिनी नायडू एक सशक्त महिला थी जिस वजह से वर्तमान समय में कई सारी महिलाओं को उनसे प्रेरणा मिलती है
निष्कर्ष
अभी हमने आपको इस ब्लॉग में बताया Sarojini naidu Biography in hindi। आप उनके बारे में जानकारी अच्छा लगा हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी जानकारी साझा करें और यदि आपका कोई सवाल है तो आप हमसे कमेंट में पूछ सकते हैं हम आपके द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब अवश्य ही देंगे।